Ganga Ki Sahayak Nadi : गंगा की सहायक नदियों में से एक महत्वपूर्ण है “कोसी नदी”, जो भारतीय उत्तर प्रदेश में बहती है। इसका प्रमुख स्रोत तिब्बत से है और यह गंगा को अपने प्रवाह में समृद्धि प्रदान करती है। मॉनसून के कारण बढ़ने वाला इसका प्रवाह, कृषि और स्थानीय जीवन के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत है।
गंगा नदी की सहायक, ‘कोसी नदी’ का रहस्यमय परिचय। जानिए इसके महत्वपूर्ण फीचर्स और गंगा संस्कृति में इसका स्थान। साहसिक नदी की कहानी और उसका महत्व, जो भारतीय संस्कृति और प्राकृतिक समृद्धि में अद्वितीय भूमिका निभाती है
सहायक नदी |
प्रमुख स्रोत |
मुख्य मिलन क्षेत्र |
प्रमुख सहायक नदियाँ |
यमुना |
यमुनोत्री, हिमाचल प्रदेश |
बायीं ओर, दिल्ली |
चंबल, बेतवा, शारदा |
रामगंगा |
नैनीताल, उत्तराखंड |
बिजनौर, उत्तर प्रदेश |
गिरि, आसन |
करनाली (घाघरा) |
शालीग्राम, नेपाल |
फैजाबाद, उत्तर प्रदेश |
शारदा, तामूर कोसी |
गंडक |
शालीग्राम, नेपाल |
सोनपुर, बिहार |
काली गंडक, त्रिशूल |
कोसी |
गोसाई धाम, हिमाचल प्रदेश |
गंगा में बिहार |
अरुण, सोनकोसी, तामूर |
चंबल |
जनायाब पर्वत, मध्य प्रदेश |
इटावा, उत्तर प्रदेश |
बाँसलई, द्वारका, रूपनारायण |
सोन |
अमरकंटक पहाड़ी, मध्य प्रदेश |
पटना, बिहार |
जलांगी, माथा भाँगा |
बेतवा |
भोपाल, मध्य प्रदेश |
हमीरपुर, उत्तर प्रदेश |
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Ganga Ki Sahayak Nadi
- गंगा नदी की सहायक नदी कोसी है।
- कोसी नदी भारत के उत्तरी क्षेत्र में है।
- इसका मुख्य स्रोत तिब्बत से है।
- कोसी को ‘सोंगा’ भी कहते हैं।
- इसकी लम्बाई लगभग 730 किलोमीटर है।
- कोसी का प्रवाह मॉनसून के कारण बढ़ता है।
- यह नदी बांग्लादेश में गिरती है।
- कोसी नदी किसानों के लिए महत्वपूर्ण है।
- इसका प्रवाह वर्षा के कारण बढ़ता है।
- कोसी नदी नदी के किनारे के गाँवों को पानी प्रदान करती है।
- इसका प्रवाह अक्टूबर से जून तक होता है।
- कोसी नदी के किनारे प्राकृतिक सौंदर्य है।
- इसमें कई तीर्थ स्थल हैं।
- कोसी के किनारे बन्यारी और वन्यजीवन हैं।
- इसका प्रवाह बार-बार बदलता है।
- कोसी नदी पर्यटन के लिए भी आकर्षक है।
- इसमें कई पुल हैं।
- कोसी नदी के क्षेत्र में खेती और पशुपालन हैं।
- इसके किनारे कई गाँव हैं।
- कोसी नदी गंगा की सहायक नदी है।
FAQ
1. गंगा की सहायक नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
- यमुना, रामगंगा, करनाली (घाघरा), गंडक, कोसी, चंबल, सोन, बेतवा आदि।
2. इन सहायक नदियों के प्रमुख स्रोत क्या हैं?
- उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में यमुना, रामगंगा, करनाली (घाघरा), गंडक, कोसी नदीयों के स्रोत हैं।
3. इन नदियों का मुख्य मिलन क्षेत्र कहाँ है?
- यमुना दिल्ली के पास, रामगंगा बिजनौर ज़िले में, करनाली बलिया ज़िले के पास, गंडक सोनपुर के पास, कोसी बिहार में गंगा में मिलती है।
4. इन नदियों की कुछ प्रमुख सहायक नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
- चंबल, बेतवा, शारदा, काली गंडक, सोनकोसी, त्रिशूल आदि।
5. इन नदियों के मिलने के स्थान पर कौन-कौन सी नदियाँ मिलती हैं?
- कोसी गंगा में बिहार में मिलती है, चंबल और बेतवा यमुना में मिलती हैं, सोनपुर के पास सोन गंगा में मिलती है।
6. इन नदियों का क्या महत्व है?
- इन नदियों का महत्वपूर्ण योगदान है, वे गंगा को अपना पानी प्रदान करती हैं और स्थानीय जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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