Bharat Ki Sabse Badi Jheel || भारत की सबसे बड़ी झील कौन सी है जाने| भारत की सबसे बड़ी झील कौन सी है? इस रहस्यमय प्रश्न का उत्तर और भारत के प्रमुख झीलों के बारे में जानकारी पाएं।
बड़ी झील: उदयपुर का शानदार समृद्धि स्रोत
Bharat Ki Sabse Badi Jheel
भारत के राजस्थान राज्य के उदयपुर ज़िले में बसी बड़ी झील, यह एक अद्वितीय प्राकृतिक समृद्धि का स्रोत है। महाराणा राज सिंह के निर्देशन में इस झील का निर्माण आया, जो पहले जियान सागर के नाम से जानी जाती थी, परन्तु बाद में इसे “बड़ी झील” कहा गया।
इस अद्वितीय झील का निर्माण बड़ी गाँव से लगभग 12 किलोमीटर दूर, इसे 1652 से 1680 ईस्वी में किया गया था। यह बड़ी झील लगभग 155 किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है, और इसकी लंबाई लगभग 180 मीटर है जबकि चौड़ाई 18 मीटर है। इस झील में तीन छतरियाँ भी हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।
इस झील ने उदयपुर के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन का काम किया है। 1973 के अकाल के समय में, बड़ी झील के माध्यम से उदयपुर के निवासियों तक पानी पहुँचाया जाता था, जिसने इस क्षेत्र की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान किया।
बड़ी झील पर पहुँचने के लिए, उदयपुर से सीधे बहुत सी बसें उपलब्ध हैं, जो इसे आसानी से दर्शनीय स्थल बनाती हैं। यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य और शांति का आनंद लेने का एक अद्वितीय अवसर है, जो यात्री को अपने साथ अविस्मरणीय अनुभव लेकर जाता है।
इस शानदार झील के साथ हर रोज़ना के जीवन का ताजगी से भरा अनुभव होता है, जिससे यह भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनता चला रहा है। बड़ी झील न केवल एक आकर्षक स्थल है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक स्थल भी है, जो महाराजाओं के समय की कहानियों को साकार करता है।
अतः, बड़ी झील भारत की समृद्धि और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, जो यहाँ के लोगों और यात्रियों के दिलों में बसा हुआ है। इसे एक अद्वितीय और मनोरम पर्यटन स्थल के रूप में देखा जाता है, जो यात्री को निरंतर आकर्षित करता है।
- भारत की सबसे बड़ी झील कौन सी है?
- “भारत की सबसे बड़ी झील” का खिताब भारत के विभिन्न झीलों के लिए हो सकता है। कुछ प्रमुख उम्मीदवार इस शीर्षक के लिए हैं जैसे कि वूलर झील, चिलिका झील, सांभर झील, और लोकटक झील।
- भारत की सबसे बड़ी झील कहाँ स्थित है?
- “भारत की सबसे बड़ी झील” के स्थान का निर्धारण विशेष झील के आधार पर होता है। वूलर झील जम्मू और कश्मीर में, चिलिका झील ओडिशा में, सांभर झील राजस्थान में, और लोकटक झील मणिपुर में स्थित है।
- भारत की सबसे बड़ी झील के लक्षण क्या हैं?
- “भारत की सबसे बड़ी झील” के लक्षण उसके आकार, आयाम, गहराई, और जल प्रकार पर निर्भर करते हैं। कुछ झील लक्षणों में अनुभवी होती हैं, जैसे कि चिलिका झील की जल प्रवाही सामर्थ्य।
- भारत की सबसे बड़ी झील का पर्याय नाम क्या है?
- “भारत की सबसे बड़ी झील” का पर्याय नाम है “भारतीय जल संग्रह”। इसे इसके आयाम और प्राकृतिक महत्व के कारण जाना जाता है।
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चिल्का झील- उड़ीसा (Chilka Lake- Orissa)
चिल्का झील उड़ीसा प्रदेश के समुद्री और प्रवाही जल से बनी हुई एक अद्वितीय झील है। यह भारत की सबसे बड़ी झील होने के साथ-साथ विश्व की दूसरी सबसे बड़ी झील भी है। झील का विस्तार 70 किलोमीटर तक लंबा और 30 किलोमीटर तक चौड़ा है। इसका क्षेत्रफल 1,165 किलोमीटर वर्ग है और इसकी औसत गहराई 3 मीटर है।
यह एक खारे पानी की झील होने के साथ-साथ प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र भी है। चिल्का झील से लगभग 3,560 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में पानी ठहरा सकता है। इसकी समृद्धि में समुद्री जीवन, पक्षियों का पर्यावरण, और वन्यजीवन का संरक्षण योगदान करता है।
चिल्का झील का विस्तार और उपलब्ध प्राकृतिक संपदा यात्रियों को आकर्षित करता है। यहाँ आप प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ विविध जलीय जीवन का अनुभव कर सकते हैं। चिल्का झील के आस-पास बसी हुई गांवों में स्थानीय लोगों की संगीतमय और संस्कृतिक विरासत भी देखी जा सकती है।
चिल्का झील का दर्शन करने के लिए यहाँ नैतिकता से भरपूर मौके हैं, जो आपको आत्मा को शांति और सुकून के साथ भर देंगे। चिल्का झील एक अद्वितीय प्राकृतिक समृद्धि का स्रोत है और यह यात्रियों को अपने साथ एक साथ लाने वाला एक अनमोल अनुभव प्रदान करता है।
- चिल्का झील क्या है?
- चिल्का झील भारत की लगभग सबसे बड़ी सांख्यिकीय झील है, जो ओडिशा राज्य में स्थित है।
- चिल्का झील किस भूगोलिक क्षेत्र में स्थित है?
- चिल्का झील ओडिशा राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है।
- चिल्का झील का क्षेत्रफल क्या है?
- चिल्का झील का क्षेत्रफल लगभग 1,100 वर्ग किलोमीटर है।
- चिल्का झील की महत्वपूर्णता क्या है?
- चिल्का झील महत्वपूर्ण अभ्यास केंद्र के रूप में मानी जाती है और यह अनेक प्रकार की जलचर प्राणियों के लिए घर है। यह झील भी विशेष रूप से समुद्री पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।
- चिल्का झील कैसे बनी है?
- चिल्का झील में प्रायः बाराबती नदी के निर्धारित अवसान के द्वारा प्रक्षेपित बालु और मिट्टी से निर्मित है।
- चिल्का झील के किस विशेषता के बारे में जानकारी दें?
- चिल्का झील के पास बिराजनगर बंदरगाह है, जहां से यात्री झील के आसपास घूम सकते हैं और झील की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। झील के चारों ओर कई प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्र और वन्यजीव अभयारण्य हैं।
- चिल्का झील की जलवायु कैसी होती है?
- चिल्का झील की जलवायु मध्य तापमानीय तथा उमस होती है। यहाँ गर्मियों में गर्म और बरसात के मौसम में ठंडा होता है। यह झील समुद्री प्रभाव के कारण खारा जल होता है।
वैंबनाड़ झील केरल (Vambanad Lake- Kerala)
वैंबनाड़ झील केरल में एक बड़ा और प्रमुख झील है। इसकी लंबाई लगभग 96.5 किलोमीटर है और इसका क्षेत्रफल लगभग 2,033 वर्ग किलोमीटर है। यह झील केरल के कई जिलों में फैली हुई है, और यहाँ पर सिंचाई का मुख्य स्रोत है, जिससे स्थानीय लोगों को जल की आपूर्ति मिलती है।
- वैंबनाड़ झील केरल क्या है?
- वैंबनाड़ झील केरल राज्य की एक प्रमुख झील है और यह राज्य के पश्चिमी तट पर स्थित है।
- वैंबनाड़ झील का क्षेत्रफल क्या है?
- वैंबनाड़ झील का क्षेत्रफल लगभग 2033 वर्ग किलोमीटर है।
- वैंबनाड़ झील की महत्वपूर्णता क्या है?
- वैंबनाड़ झील एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है और यहाँ पर सिंचाई का प्रमुख साधन है। इसके अलावा, यह झील केरल की अर्थव्यवस्था और पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- वैंबनाड़ झील के आस-पास क्या आकर्षण हैं?
- वैंबनाड़ झील के आस-पास कई प्राकृतिक सुंदर और पर्यटन स्थल हैं, जैसे कि केरल के खूबसूरत पर्वत और घाटी।
- वैंबनाड़ झील कैसे बनी है?
- वैंबनाड़ झील का स्थापना प्राकृतिक प्रक्रियाओं के द्वारा हुआ है, जैसे कि नदियों के प्रवाह और भूमिगत विकास।
- वैंबनाड़ झील का जलवायु कैसा होता है?
- वैंबनाड़ झील का जलवायु मध्यम होता है, जिसमें शीतकालीन मौसम में ठंडा और गर्मियों में गर्मी होती है। यह झील मुख्य रूप से मिट्टी के जल में होती है।
शिव सागर झील महाराष्ट्र (Shiv Sagar Lake- Maharashtra)
शिव सागर झील महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित है और यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्थल है। इसका क्षेत्रफल लगभग 891 वर्ग किलोमीटर है। यह झील कोयना नदी के जल से बनता है, जिसे कोयना डैम ने बनाया है। यह डैम भारतीय राष्ट्रीय विद्युत निगम (एनपीसी) द्वारा परिचालित होता है। शिव सागर झील का नाम महाराष्ट्र के महानायक छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखा गया है। यहाँ का सौंदर्य और वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है, और यहाँ के जलस्रोत के रूप में भी महत्वपूर्ण है।
- शिव सागर झील क्या है?
- शिव सागर झील भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित है।
- शिव सागर झील की महत्वता क्या है?
- यह झील कोयना नदी की वजह से बनती है, और इसे कोयना नदी द्वारा बनाया गया कोयना डैम भी कहा जाता है। शिव सागर झील महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित है।
- शिव सागर झील का क्षेत्रफल क्या है?
- शिव सागर झील का क्षेत्रफल लगभग 891 वर्ग किमी है।
- शिव सागर झील कैसे बनी है?
- शिव सागर झील का निर्माण कोयना नदी और कोयना डैम के निर्माण से हुआ है।
- शिव सागर झील के आस-पास क्या देखने लायक है?
- शिव सागर झील के आस-पास आपको हरित वन, पर्वत श्रृंग, और प्राकृतिक सुंदर दृश्य मिलेंगे। यहाँ पर पर्यटकों को कई प्रकार के वन्यजीवों और जलप्रदूषण रहित जल प्राणियों का अनुभव मिलता है।
- शिव सागर झील किस उद्यान में स्थित है?
- शिव सागर झील स्थानीय वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है, जिसमें प्राकृतिक जीव और वन्य पशुओं का विविध संग्रह है।
पुलिकट झील- आंध्र प्रदेश (Pulicat Lake– Andhra Pradesh)
Pulicat Lake, Andhra Pradesh में स्थित है, और यहाँ पर श्रीहरिकोटा भी स्थित है, जहाँ से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम चलता है। यह झील 759 वर्ग किलोमीटर के आसपास का है। यह खारे पानी का झील है, जिसकी लंबाई लगभग 60 किलोमीटर है और अधिकतम चौड़ाई 17.5 किलोमीटर है। यहाँ की गहराई 1 से 2 मीटर के बीच है। Pulicat Lake भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और यहाँ से सभी रॉकेट अंतरिक्ष में भेजे जाते हैं।
पैंगोंग त्सो- लद्दाख (Pangong Tso- Ladakh)
Loktak Lake, Manipur में स्थित है और यह भारत की प्रमुख झीलों में से एक है। इसका क्षेत्रफल लगभग 287 वर्ग किमी है, जिससे यह भारत की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील मानी जाती है। यह झील मणिपुर नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा बनती है, जो म्यांमार और भारत की सीमा को पार करती हैं। Loktak Lake अपने दलदलों के लिए प्रसिद्ध है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘फुमदी’ कहा जाता है।
Pangong Tso, Ladakh में स्थित है, और यह समुद्र तल से 4,500 मीटर की ऊँचाई पर है। इसकी लंबाई लगभग 134 किलोमीटर है और यह लद्दाख से तिब्बत तक फैली हुई है। इसका तिब्बत में लगभग दो तिहाई हिस्सा है, और यह एक खारे पानी की झील है। जब सर्दियों का मौसम आता है, तो यह पूरी तरह से जम जाती है। इसका क्षेत्रफल लगभग 699 वर्ग किलोमीटर है।